तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का
Category: विविध भजन
म्हारे मंनडे री बाता सुन जो राम, गुण थारा में गावा
म्हारी माटी री मटकी राम राम री।
चार चार मैं तो बेटा जाया, बेटी जाइ में तो एक, बुढ़ापा रो सारो नहीं
हां ऐसी होती बेटी है।
मेरी रौनक से मेरी लाडो तू
मेरा नन्हा सा बेटा है चांद का टुकड़ा
हुई सफल कमाई महाराज,
भरतरी थारी
एक अर्ज सुनो महाराज भरथरी म्हारी
ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत
You must be logged in to post a comment.