तर्ज, मैंने पायल जो छनकाई
चले जब यह बल खाए, जहां में खुशियां छाये, की कुदरत भी आकर के, नज़रे उतारे।चले जब यह बल खाए, जहां में खुशियां छाये, की कुदरत भी आकर के, नज़रे उतारे। सबकी होती है यह दुलारी, बातें करती प्यारी प्यारी, खुशियां बरसा देती है, हां ऐसी होती बेटी है।हां ऐसी होती बेटी है।
बनके कलियां घर मेंहकाए, चिड़िया बन आंगन चहकाये, सारे गम हर लेती है,हां ऐसी होती बेटी है।हां ऐसी होती बेटी है।
लक्ष्मी की सूरत बेटी, घर का सिंगार है। लाखों मन्नत से होता, इनका अवतार है।लक्ष्मी की सूरत बेटी, घर का सिंगार है। लाखों मन्नत से होता, इनका अवतार है। ईनके कदम है सबसे निराले, सुख सौभाग्य देने वाले, किस्मत पल में बदलता है।हां ऐसी होती बेटी है।हां ऐसी होती बेटी है।
भाई की है ये राखी, बहनों का मान है। मम्मी पापा की गुड़िया, सबकी मुस्कान है।भाई की है ये राखी, बहनों का मान है। मम्मी पापा की गुड़िया, सबकी मुस्कान है। बाबुल की चौखट से चलकर, जाती है पिया के घर तक, सबको अपना लेती है।हां ऐसी होती बेटी है।हां ऐसी होती बेटी है।
चले जब यह बल खाए, जहां में खुशियां छाये, की कुदरत भी आकर के, नज़रे उतारे।चले जब यह बल खाए, जहां में खुशियां छाये, की कुदरत भी आकर के, नज़रे उतारे। सबकी होती है यह दुलारी, बातें करती प्यारी प्यारी, खुशियां बरसा देती है, हां ऐसी होती बेटी है।हां ऐसी होती बेटी है।