तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।
सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का।सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का। मनुष्य जन्म अनमोल रे माटी में न रोल रे। अब तो मिला है फिर ना मिलेगा, कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं रे।
तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का।
तू सत्संग में जाया कर,गीत प्रभु के गाया कर,
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे,मन की प्रभु को बताया कर।तू सत्संग में जाया कर,गीत प्रभु के गाया कर।साँझ सवेरे बैठ के बन्दे,मन की प्रभु को बताया कर।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।
समझ समझ के कदम रखो,पता नही ज़िन्दगानी का।मतलब का संसार है,इसका क्या ऐतबार है।ये झूठा संसार है,फूल नहीं अंगार है,
सबसे मीठा बोल रै,इस तन को राम में घोल रे,
अभी जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।
सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का।सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का। श्री सतगुरु आधार है, ज्ञान का यह भंडार है। जो कोई उनकी शरण में आए करते बेड़ा पार है।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।
सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का।सोच समझ कर चलना रे बंदे, पता नहीं जिंदगानी का।सबसे मीठा बोल रै,इस तन को राम में घोल रे।अभी जो मिला है फिर ना मिलेगा,कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।
तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।तू है बुलबुला पानी का, मत कर जोर जवानी का। नेक कमाई कर ले रे भाई, पता नहीं जिंदगानी का।