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विविध भजन

O dhora ro desh by prakash gandhi,ओ धोरा रो देश देश में चांदी वर्णी रेत

ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत

ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ।ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

तेतर मोर पपैया बोले कोयल गावे गीत अठे। घाल मिले गल बांह हेत सु, हिवडे घणी प्रीत अठ्ठे।तेतर मोर पपैया बोले कोयल गावे गीत अठे। घाल मिले गल बांह हेत सु, हिवडे घणी प्रीत अठ्ठे। घनी पुरानी रीत , रीत में खुश होवे मनमीत, मीत संग आनंद उपजे ओ।आनंद उपजे ओ।ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

धोरा उपजे धान मोकलो, करसा करे कलोल अठे। मोठ बाजरो चीना नीपजे , लागे चोखा  बोल अठे।धोरा उपजे धान मोकलो, करसा करे कलोल अठे। मोठ बाजरो चीना नीपजे , लागे चोखा  बोल अठे। मीठा बोल बोल रात में, कट जा मांजल रात, रात में भाग बांटजा हो। दिनडो उग जा हो।ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

खाटे वाली पिया राबड़ी, बाजरिया को खानो है। ओ फलिया को साग अठे, आनंद को नहीं ठिकानो है।खाटे वाली पिया राबड़ी, बाजरिया को खानो है। ओ फलिया को साग अठे, आनंद को नहीं ठिकानो है। देसी गानो देसी खानो,देसी बानो पहर प्रेम हिवडे में उपजे हो।मन में उपजे हो।ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

निर्मल गंगा जल सो पानी, बोना जी रो निर अठे। आन बान पर मर मिट जावे, जामन जाया वीर अठे।निर्मल गंगा जल सो पानी, बोना जी रो निर अठे। आन बान पर मर मिट जावे, जामन जाया वीर अठे। आ बीरा री भोम,भोम में , भरी क्रांति रोम रोम में, दुश्मन हट जावे,दुश्मन हट जावे,ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ।ओ धोरा रो देश देश में, चांदी वर्णी रेत , रेत में,मोती निपजे ओ।मोती निपजे ओ, सोनो निप्जे ओ।ओ धोरा रो देश देश।

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