लेले हरि को नाम जगत में, अंत आये तेरे काम जगत में
Category: विविध भजन
मेरी तकदीर में तेरा प्यार है या नहीं
किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण तुम्हीं हो
सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..
हर सांस में हर बोल में हरि नाम की झंकार है .
रे मन मूरख तुझ से अपना पहचाना नहीं राम गया,
दर्शन पाना है आज दाता जी दरबार तेरे,
माता अनुसूया के द्वार भिक्षा मांगे राजकुमार,
सब छोड़ के जमाना आया हु तेरे द्वारे,
है चंदा की चांदनी जिसमे, सूरज का तेज समाये,
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