तर्ज, हाल क्या है दिलों का
रिद्धि सिद्धि के दाता,सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिए। २।🌹🌹 पहले सुमिरन करूं गणपति आपका, लब पर मीठी सी वाणी हमें चाहिये।२।
सर झुकाता हूं चरणों में,सुन लीजिए।आज बिगड़ी हमारी,बना दीजिए।२।🌹🌹🌹🌹ना तमन्ना है धन की ना,सर ताज की।२।तेरे चरणों की सेवा,हमे चाहिए।🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के दाता,सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिए। २।
तेरी भक्ति का दिल में,नशा चूर हो।बस आंखों में बाबा,तेरा नूर हो।२।🌹🌹🌹🌹कंठ पे शारदा मां,हमेशा रहे। रिद्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के दाता,सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिए। २।
सारे देवों में गुणवान,दाता हो तुम।सारे वेदों में ज्ञानों के,ज्ञाता हो तुम।२।🌹🌹🌹🌹ज्ञान दे दो भजन गीत गाते रहें।बस यही जिंदगानी हमें चाहिए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के दाता,सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिए। २।
रिद्धि सिद्धि के दाता,सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिए। २।🌹🌹 पहले सुमिरन करूं गणपति आपका, लब पर मीठी सी वाणी हमें चाहिये।२।