तर्ज,मोरिया आछो बोलयो रे
कानूड़ा नानी बाई को भरजा मायरो।मायरो मायरो। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आ तो ऊभी उभि आंसुडा ढलकावे कानुडा,नानी बाई को भरजा मायरो।
कानुड़ा बाबुल आयो साधा ने साथ ले।साथ ले,साथ ले। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹यो तो बैठ्यो बैठ्यो एकतारों बजावे कानुडा।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानूड़ा देवर नाराणो, तानो मारियो।मारियो मारियो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹म्हाने मोडिया की जायोडी, बतलाय कानुडा।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानुडा आवन की देखूं,थारी बाट रे।बाट रे,बाट रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹में तो डागलिये चढ़ कागलिया उड़ाऊं कानुड़ा।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानुडा सेठ सांवरिया तेरो नाम रे। नाम रे, नाम रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आकर नानुडी ने कालजे लगाय कानुडा।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानूड़ा मां को जायो ना कोई वीर रे।वीर रे,वीर रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹ल्याज़े राधा रुकमण चीर उढावण,आज कानुडा।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानूड़ा तेरे सो बिरो,मिले भाग से।भाग से,भाग से।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सारी नगरी या अंजार देखे,म्हारो मायरो।नानी बाई को भरजा मायरो।
कानूड़ा नानी बाई को भरजा मायरो।मायरो मायरो। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आ तो ऊभी उभि आंसुडा ढलकावे कानुडा,नानी बाई को भरजा मायरो।