श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई।
आत्मा अमर है नश्वर शरीर में। अग्नि में जलती नहीं, गलती ना नींर में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 फिर क्यों रहा है पार्थ इठलाई।गीता सुनाई।🌺श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई।
परिवर्तन सृष्टि का,अर्जुन नियम है। जिसे तू समझता मृत्यु, वही जीवन है।🌺🌺🌺🌺🌺 फिर क्यों रहा है, पार्थ घबराई। गीता सुनाई।🌺श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई।
ना तूं शरीर का, ना शरीर तेरा है। पंच तत्वों से बना, मिट्टी का ढेरा है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 फिर क्यों रहा है, पार्थ पछताई।गीता सुनाई।🌺श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई।
भक्तों सभी आए, शरण तिहारी। मुझको भी पार लगाओ, कृष्ण मुरारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भक्तों सभी मिलकर बोलो, जय-जय कन्हाई।गीता सुनाइ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई।