कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।
हे कान्हा कांकरिया,होय होय कांकरिया।
आमा सामा महल मालिया लग गई आंखडली।२। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दर्शन कैसे पाऊं सांवरा आडी भीतडली।होय होय कांकरिया, रे जुल्मी कांकरिया।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।
रुनझुन रुनझुन पाणी ने चाली,सिर पर गागरली।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सामी मिलग्यों कुंवर कन्हैयो,आ गई लाजड़ली।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹होय होय कांकरिया, रे जुल्मी कांकरिया।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।
थे हो म्हारा घर का ठाकुर,में भी ठकुरानी। आडो टेढो कांई चाले,में भी टेढ़डली।🌹🌹होय होय कांकरिया, रे जुल्मी कांकरिया।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।
नौ लख गायां नंद घर दुहे,एक न बाखडली। माखन माखन कान्हो खावे,राखे छाछडली।होय होय कांकरिया, रे जुल्मी कांकरिया।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।
वृंदावन में रास रचावे, मोर की पाँखडली।चंद्र सखी भज बाल की शोभा, चरणा चाकड़ली।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹होय होय कांकरिया, रे जुल्मी कांकरिया।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली। फूट जावेली चुनर म्हारी भीग जावेली।