कब होगा मिलन हमारा, कब होगा दरश तुम्हारा,
तेरा जादू खाटू वाले, ऐसा सर पे छा गया,
छलिया बड़ो री कन्हैया, मैं कैसी करूं,
सांवरे के दीवानो की महफ़िल, आज फिर से सजाई गई है,
तूं मेरी जिंदगी है, तूं मेरी हर खुशी है,
उंगली पकड़ के रोई रे कान्हा तेरी याद में
हमें रास्तों की जरूरत नहीं है,हमें तेरे चरणों के निशांन मिल गये हैं,हमें…. तुम ही से ज्ञान का दिपक जला है,तुम से घनघोर अंधेरा मिटा है,तुम जो नहीं हो प्रभु जी, कुछ भी नहीं है,हमें…. तुम ही हो शिव ओर ब्रम्हां तुम्हीं हो,सब कुछ तुम्हारा सब तुमको अर्पंण,अब तेरा मैं हूं, मुझमें ही तूं है,हमें…. […]
सजाये खुब मिली मोहन से दिल लगाने की,
अंजनी पुत्र केसरी नंदन,
एक दिन जाणो रे सांवरिया,
मारे कई लेवा आंणो रे
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