तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा
कब होगा मिलन हमारा, कब होगा दरश तुम्हारा, नैनो में छवि तुम्हारी, सांसो में नाम तुम्हारा, कब होंगा मिलन हमारा, कब होंगा दरश तुम्हारा, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम।
बैठे पलक बिछाए, आने की आस लगाए, आओगे जब तुम कान्हा, पलकों पे तुझको बिठाए, हम करेंगे सेवा तेरी, मिलता रहे प्यार तुम्हारा, नैनो में छवि तुम्हारी, सांसो में नाम तुम्हारा, कब होंगा मिलन हमारा,
तेरे ही भरोसे कान्हा, हम आगे बढ़ते जाए, देखे ना कभी हम मुड़के, राहों को सुगम बनाए, पग पग हरपल ओ कान्हा, देना तू साथ हमारा, नैनो में छवि तुम्हारी, सांसो में नाम तुम्हारा, कब होंगा मिलन हमारा, कब होंगा दरश तुम्हारा, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम।
मालिक तुमसा हम पाकर, मस्ती में झूमे गाएं, नित नए तराने बुनकर, चरणों में तेरे चढ़ाए, अरदास यही ‘टीकम’ की, हरि दास बना लो तुम्हारा,
मालिक तुमसा हम पाकर, मस्ती में झूमे गाएं, नित नए तराने बुनकर, चरणों में तेरे चढ़ाए, अरदास यही ‘टीकम’ की, हरि दास बना लो तुम्हारा,नैनो में छवि तुम्हारी, सांसो में नाम तुम्हारा, कब होंगा मिलन हमारा, कब होंगा दरश तुम्हारा, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम।
कब होगा मिलन हमारा, कब होगा दरश तुम्हारा, नैनो में छवि तुम्हारी, सांसो में नाम तुम्हारा, कब होंगा मिलन हमारा, कब होंगा दरश तुम्हारा, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम, श्याम आओ श्याम, आओ श्याम आओ श्याम।