धुपियो देर धूपईयो ए, द्यो बाई रोवाक हाथ।
Category: gangor geet
म्हें गोर भुवावण चाल्या राज, झिलमिल फुलडो पाट को।
नीव ढलती बेलड़ी जी।
मालन फूलड़ा सा ल्याए,
राजा क बाया जौ-चाना, माली क बायी दूब
गोर तिव्हारड़ देसां मारे, चोखी सी रोली भी होय।
ईसर आयो ए म्हारी गायां रोर गुलाब।
म्हारा बिकानेर घाट सुघाट, रंगरोड़ा घढ़ दे झूटणा।
म्हारी गोर तिसांई जी ,राज घटियांरो मुकुट करो।
म्हारा हरिया जंवारा ओ राज लंबा-तिखा सरस बदृया।
अम्बो तो जाम्बा टीकी ,पाना तो पल्ला टीकी
You must be logged in to post a comment.