महारा बाबाजी के माण्डी गणगौर, दादसरा जी के माण्ड्यो रंगरो झूमकड़ो,
Category: gangor geet
बिजनों कोठे को वासी, बिजनो रंग राच्यो रे मरूवा।
जुग जित्या ये भेन्न बधावना।जाए बांघूंगी ब्रह्मदास जी री कोटडया,
रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो
को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा।
ईसरदास बीरा लीलड़ी पलांण क टिक्की ल्यादो जड़ाव की जी।
म्हारी गोर तीसाई ओ राज घाट्यारी मुकट करो।
उदियापुर आई गनगोर। आए उतरी ब्रह्मादासजी री पोल।
ईसरदास बीरा को कांगसियो म्हे मोल लेस्यां राज।
धुपियो देर धूपईयो ए, द्यो बाई रोवाक हाथ।
म्हें गोर भुवावण चाल्या राज, झिलमिल फुलडो पाट को।
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