म्हारा हरिया जंवारा ओ राज लंबा-तिखा सरस बदृया।
म्हारा लुणीया जंवारा हो लांबा-तिखा सरस बदृय।
ये तो सुरजीरा बाया हो राज, रेणा दे जी सिंच लिया।
ये तो इसरजीरा बाया ओ राज, गोरा दे जी सिंच लिया।
ये तो सासु बहुरा सिंच्या ओ राज, गहुडा पिला पड रह्या।
बाईसा तो गड सिंच्या ओ राज, लांबा-तिखा सरस बदृया।
म्हारो दूध भरो कटोरो ओ राज, बाई रोवा पीव लिया।
म्हारो गेना भरीयो डाबो ओ राज, बाई सोवा पेर लिया।
म्हारी पचरंगी चुंदडी ओ राज, बाई गोरां ओढ लिया।म्हारो सरस पटोलो ओ राज, बाई सोवा पेर लिया।
म्हारा हरिया जंवारा ओ राज लंबा-तिखा सरस बदृया।
म्हारा लुणीया जंवारा हो लांबा-तिखा सरस बदृय।