नीव ढलती बेलड़ी जी।
मालन फूलड़ा सा ल्याए, ईसरदास थारो कोटड्या जी।
नीव ढलती बेलड़ी जी।मालन फूलड़ा स ल्याए, कानीराम थारो आरती जी।
आरतडा में सुपारी लागी डोंडा जी।
डोंडा राज कोट चिणाए, झीलो म्हारी चूनड़ी जी।
गायां जाई छ ठाणम जी, बहुवां जाई छ साल,
झीलो म्हारी चूनड़ी जी।
गायां जाया बाछड़ा जी, बहुवां जाया छ पूत,
झीलो म्हारी चूनड़ी जी।
गायां खाया खोपरा जी बहुवां खाइ छ सूट,
झीलो म्हारी चूनड़ी जी।
गायां क गल घूघरा जी बहुवां कागल हार,
झीलो म्हारी चूनड़ी जी।
गोरल जायो द पूत जी कुण खिलाएगी जी,
खिलासी रोवां नणदं झाबर क पालण जी,
आंख मोड़ नाक मोड़ कड़ मोड़ घूमर घाल,