ओ तन पावनो रे बीरा मत कर मान गुमान।
Category: विविध भजन
उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।
ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
मुनिया पिंजरे वाली ना,तेरा साहब है व्यापारी
जय हो वाल्मीकि भगवान, तुम्हारा हर एक पर अहसान।
थाने बार बार नहीं मिलसी रे, मिनक जन्म रो चोकडीयो
हे नाथ क्या ये विनती स्वीकार अब न होगी।
कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान,
जग में मिठो बोलनो कोई मती राखो बेर रे।
ओ भाई रे, सब रे मतलब का लोग, अब मोहे खबर पड़ी।
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