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Jindagi Ki gadi by sanjay pareek,उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा। सिर्फ अपने ही नहीं साया भी छोड़ जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

जिंदगी है नए रिश्तो की आजमाइश है। एक घर की नहीं, घर-घर की यह नुमाइश है। खींचनी पड़ती है खुद जिंदगी की गाड़ी को। मतलबी और मतलब ही सब की ख्वाहिश है। खून का रिश्ता ही रिश्ते को तोड़ जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

आज ऐसे कई रिश्ते तुम्हें दिखाऊंगा। बात झूठी नहीं सच्ची कथा सुनाऊंगा। दिखाऊंगा तुम्हें मां-बाप की लाचारी है। बात में आज के औलाद की बताऊंगा। नहीं सोचा था कभी ऐसा दौर आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बिना औलाद के परिवार एक रहता था। बेच के चाय वह अपना गुजारा करता था। उमर ने ओढ़ रखी थी बुढ़ापे की चादर। बस के स्टॉप पर वह चाय बेचा करता था। उसे मालूम था कोई नहीं खिलाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

गम में औलाद के वह अक्सर रोया करते थे। जागते रात भर दोनों ना सोया करते थे। कहती पत्नी की अगर एक भी बेटा होता। हमारी उम्र में हम चाय ना बेचा करते। लिखि ठोकर जिसे आराम कहां पाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बनाकर चाय घर से बूढ़ा लेकर आता है। जोर से चाय की आवाज वह लगाता है। बसें सब जा चुकी थी यात्रियों को लेकर के। बस का स्टाफ अब खाली सा नजर आता है। थोड़ी ही देर में सुनसान नजर आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

एक कोने में वहां  पत्नी पति बैठे थे। दोनों ही बूढ़े से कमजोर बड़े लगते थे। चाय वाला वह उनको देखकर हैरान हुआ। बस तो कोई नहीं फिर भी क्यों यहां बैठे हैं। यहां कुछ देर में सन्नाटा पसर जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बूढ़ा वो सोचता है दोनों कहां जाएंगे। बसें तो जा चुकी है सर्दी में ठिठुर जाएंगे। यही वह सोच कर उनके पास जाता है। उनसे वह पूछता है आप कहां जाएंगे। पत्नी रहती है मेरा बेटा लेने आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

इसके आगे तो उसे माता से, फिर बोला ना गया। चाय वाले से फिर बैठे हुए बूढ़े ने कहा। छोटे बेटे ने हमें लाकर के छोड़ा है यहां। कहा था हमसे की ले जाएगा बड़ा बेटा। आएगा मेरा वह बेटा जरूर आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

चाय वाले ने कहा रात ढलने वाली है। सुबह से पहले  कोई बस ना आने वाली है। कहां जाना है आपको कुछ तो बोलो। रिक्शा टैक्सी तो क्या बस भी न मिलने वाली है। अंधेरी रात है पैदल ना चला जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बूढी औरत ने कहा मन हमारा कहता है। बेटा आएगा लेने पास में ही रहता है। आपने इतना कहा आपकी है मेहरबानी। हमसे बेटा हमारा प्यार बहुत करता है। जब तलक ना ले जाए खाना नहीं खाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

चाय वाले ने उनसे फिर से एक बार कहा। आपको जाना कहां उनसे बार-बार कहा। यहां से कोसों दूर कोई इलाका है नहीं। आपके लाडले का बोलो घर है कहां। आएगा कब वो और कब  लेकर जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

चाय वाले से तब धीरे से औरत बोली। निकाली झोले से छोटी सी पर्ची खोली। देखो इस पर्ची पर बेटे का ठिकाना है लिखा। चाय वाले ने उसके हाथ से पर्ची ले ली। बोली जो इस पर लिखा है वहीं से आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

लाकर चेहरे पर खुशी फिर उस औरत ने कहा। हम तो अनपढ़ है भाई हमसे ना जाएगा पढ़ा। आप पढ़ करके बता दो मेरे बेटे का पता। भूल के सो गया होगा क्योंकि सोता है बड़ा। नींद टूटेगी तो मन में बड़ा पछताएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

खोल के पर्ची को पड़ता है चाय वाला वो। पढ़ के पर्ची को रोने लगता  भोला भाला वो। पांव के नीचे से धरती ही फिसल जाती है। जुबा पर लगा लेता है अपने ताला वो। उसका लगता है कलेजा ही फट सा जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

लिखने वाला वह उनका ही सगा बेटा है। घर में भाई-बहन में सबसे वह छोटा है लिखा पर्ची में मां-बाप है मेरे दोनों। मेंने  ही ला करके  इन्हें यहां छोड़ा है। पढेगा पर्ची जो आश्रम में छोड़ आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

लिखा है क्या मेरे बेटे ने जरा बताओ भैया। पता बेटे का मेरा पढ़ कर सुनाओ भैया। पूछती है वह औरत चाय वाले से। ठिकाना  बेटे का ना मुझसे छुपाओ भैया। चाय वाले को लगा नीचे ही गिर जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

दो दो बेटे हैं इनके फिर भी ऐसी हालत है। अगर ओलाद ऐसी है तो बड़ी लानत है। भले औलाद ही नहीं थी हमारी किस्मत में। ईनकी हालत ही यह औलाद की बदौलत है। कैसे इन से कहूं कैसे यकीन आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

पूछा औरत ने बेटा मेरा रहता है कहां। वह नहीं आ रहा हम ही चले जाएंगे वहां। या तो वह काम में खोया या  सोया होगा। वरना वह गाड़ी से लेने हमें आ जाता यहां। माफी मांगेगा वह रोकर के गिड़गिडाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

मन में वह सोच रहा इनको क्या बताऊं मैं। बता कर सच्ची बात इनको क्यों रुलाऊं मैं। हकीकत जान कर दोनों यही मर जाएंगे। लिखा जो पर्ची में वह इनको क्यों सुनाऊं मैं। खाटू में जाइए बेटा वही मिल जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बोलकर झूठ उनको घर को चला जाता है। अपनी पत्नी से सारी बात वह बताता है। बड़े अरमान से मां-बाप पालते जिसको। वहीं चौराहे पर एक रोज छोड़ आता है। ऐसा बेटा किसी का साथ क्या निभाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बस के स्टेंट से दोनों ही निकल पड़ते हैं। अंधेरी रात में पैदल ही चल पड़ते हैं। दिल में अरमान है बेटे से उन्हें मिलने का। पूछते पूछते खाटू को वह चल पडते हैं। सांवरा श्याम ही रास्ता हमें दिखाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

आईए उनके अब बेटे को मैं दिखाता हूं। कितना खुशहाल है वो आईए मैं मिलाता हू फोन वह करता है हंस हंस के बड़े भाई को। ऐसी औलाद को सर दूर से झुकाता हूं। इसका अंजाम अभी यह न समझ पाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

भाई से कहता है मां-बाप से पीछा छूटा। उनकी हर टोक से हर बात से पीछा छूटा। बडा क्या कहता है छोटे से जरा यह भी सुनो। हुआ अच्छा ही उनके साथ से पीछा छूटा। जिंदगी जीने का अब खुल के मजा आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

उधर पति-पत्नी खाटू में पहुंच जाते हैं। लाख ढूंढा मगर बेटे को नहीं पाते हैं। रोते-रोते वह श्याम के दरबार गए। दिलों का दर्द वो श्याम को सुनाते हैं। सुन मेरे श्याम तू कितना हमें रुलाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

सुन के आए हैं कि हारे का तू सहारा है। आज तक हमने तो हारा है सिर्फ हारा है। छोटे बेटे ने हमें छोड़ा था चौराहे पर। तू ही बता कहां बेटा बड़ा हमारा है। तुझ पर विश्वास है तू ही उसे मिलाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बारी अब श्याम की थी दोस्ती निभाने की। जो थे हारे हुए उन दोनों को जिताने की। श्याम के होते ना कोई भी हार सकता है। श्याम की आदत में है यारियां निभाने की। निभाता सबसे है इन से भी वह निभाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

श्याम दरबार से दोनों वह जब निकलते हैं। आंख के आंसू उनके चेहरे पर फिसलते हैं। ठहरने के लिए कुछ रोज धर्मशाला में। दुखी मन को लिए दोनों उधर निकलते हैं। रंग कितने यह मुकद्दर हमें दिखाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

हर लाचारी से वह मां-बाप बैठे थे जहां। बड़ा बेटा बहू उनके दोनों ठहरे थे वहां। देखा जब सामने दोनों ने बहु बेटे को। दोनों की आंखों से झरने से बहने लगते हैं। दृश्य ऐसा था कि हमसे ना लिखा जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

बहू ने सास को अपने गले लगाया है। श्याम की कृपा से दोनों को अपनाया है। दोनों रोकर के मां-बाप से माफी मांगे। घर चलो आपको यह बेटा लेने आया है। बिना मां-बाप के हमसे ना जिया जाएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।उम्र की राह में ऐसा भी मोड आएगा।

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