जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।अरे जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।
श्याम नाम की मलमल ला दो।कृष्ण नाम का छापा छपवा दो।अरे यामे राधे श्याम लिखवाई।भरवा दो श्याम रजाई।
जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।अरे जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।
राम नाम की रूई डलवा दो,कृष्ण नाम की सुई मंगवा दो।अरे यामें भक्ति की करो तुरपाई।भरवा दो श्याम रजाई।
जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।अरे जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।
ध्रुव प्रहलाद विभीषण ने ओढ़ी। ध्यानु भगत नरसी ने ओढ़ी।अरे मीरा ने ओढ़ दिखाई।भरवा दो श्याम रजाई।
जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।अरे जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।
दास कबीरा ने ऐसी ओढ़ी।भक्त सुदामा ने ऐसी ओढ़ी।अरे यामें ज्ञान की जोत जगाई।भरवा दो श्याम रजाई।
जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।भरवा दो श्याम रजाई।अरे जाड़े ने जुलम सताई,भरवा दो श्याम रजाई।