बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
ताई रे मेरे सीत घाल दे,कद की देखूं बाट में। मने तो छोरी टेम नही से,और घला ले गाल में।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
इतने में एक बाबा आया,झोली लेरिया हाथ में।बुढ़िया ये मेरे भिक्षा घालो, क्यूं बैठी से गाल में।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
चार चार तो मेरे बेटे कहिए,पोते खेले गाल में। चाल्या जा बदमाश मोडिया,के जानू में राम ने।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
चार चार तो मेरे बहुवाड़ कहिए,पोते खेले गाल में।चाल्या जा बदमाश मोडिया,के जानू में राम ने।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
चार चार तो मेरे झोटी कहिए, ढोली ढोली ताड़ में।चाल्या जा बदमाश मोडिया,के जानू में राम ने।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
चार चार तो मेरे हेली कहिए फ्लेट बने से बारमे।चाल्या जा बदमाश मोडिया,के जानू में राम ने।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
गई जवानी आया बुढ़ापा, खाट गैर दी गाल में।घिर फिर केने मोड़ा आया क्यूं बैठी से गाल में।
बैठी थी घमंड में,में बैठी थी गुमान में। इतने में एक छोरी आई लेकर बरोला हाथ में।
इब्बके बाबा माफी दे दे इब रटूंगी राम ने।इब्बके बाबा माफी दे दे इब रटूंगी राम ने।इब्बके बाबा माफी दे दे इब रटूंगी राम ने।इब्बके बाबा माफी दे दे इब रटूंगी राम ने।