तर्ज,याद आ रही है
क्यों रो रहा है तू क्यों रो रहा है,
बन के पिता जब बैठा बाबा तू क्यों रो रहा है,
तू क्यों रो रहा है।
देर भले हो जाये पर काम तेरा हो जायेगा,
बाबा करने वाले पर नाम तेरा हो जायेगा,
किया भरोसा जिसने चैन से वो सो रहा है,
तू क्यों रो रहा है,बन के पिता जब बैठा बाबा तू क्यों रो रहा है,
तू क्यों रो रहा है।
मत घबराना चाहे मुश्किल जितनी भी बड़ी है।
हर मुश्किल से कहना मेरे संग में श्याम धनि है,
जो न हुआ इस दर पे आके वो हो रहा है,
तू क्यों रो रहा है,बन के पिता जब बैठा बाबा तू क्यों रो रहा है,
तू क्यों रो रहा है।
श्याम कह रहा मुझ पर जो बीती वो बतला रहा,
इस की किरपा के चलते मैं भजन श्याम के गा रहा,
दे न सका जो कोई मुझे वो तू दे रहा है,
तू क्यों रो रहा है,बन के पिता जब बैठा बाबा तू क्यों रो रहा है,
तू क्यों रो रहा है।