नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।
तू कहता है मेरी काया, काया का गुमान क्या ।
चाँद सा सुन्दर यह तन, तेरा मिटटी में मिल जाएगा ।।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
फिर पीछे पछतायेगा।नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।
बालपन में खेला खाया, आया जवानी मस्त रहा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बूडापन में रोग सताए, खाट पड़ा पछतायेगा।नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।
वहां से क्या तू लाया बन्दे, यहाँ से क्या ले जाएगा ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मुठ्ठी बाँध के आया जग में, हाथ पसारे जाएगा।नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।
जपना है सो जपले बन्दे, आखिर तो मिट जाएगा ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कहत कबीर सुनो भाई साधो, करनी का फल पायेगा ।।नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।
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नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा।