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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Sun Sun re mhari kaya, सुन सुन रे म्हारी काया,nirgun bhajan

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली

तर्ज,उड़ उड़ रे म्हारा काला काग़ला

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली,२। कुसंगत मैं जावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

राम जी बनाया थाने सोना भर की।२। सोना ने पीतल बनावे मत ना।आत्मा के दाग लगावे मत ना।

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली,२। कुसंगत मैं जावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

राम जी बनाया थाने हीरा भर की।२। हीरा ने कांकरो बनावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली,२। कुसंगत मैं जावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

राम जी बनाया थाने कोयल भर की।२। कोयल ने कागलो बनावे मत ना।आत्मा के दाग लगावे मत ना।

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली,२। कुसंगत मैं जावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

रामजी बनाया थाने ज्ञानी ध्यानी। २। खुद ने मूरख बनावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

सुन सुन रे म्हारी काया ये रंगीली,२। कुसंगत मैं जावे मत ना। आत्मा के दाग लगावे मत ना।

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