तर्ज,कजरा मोहब्बत वाला
सुन ले यशोदा मैया,तेरा ये किशन कन्हैया।मटकी मेरी है दई फोड़,बैयां मेरी है दी मरोड़।
पनिया भरन को मैया, पनघट पर जब मैं आई। छुप के बैठा था कन्हैया,देख कर में घबराई।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मैने समझाया उसको,उसके समझ ना आई।धोखे से उसने मैया,मटकी फिर नीचे गिराई।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मैंने मचाया जब शोर,बैयां मेरी है दी मरोड़।
सुन ले यशोदा मैया,तेरा ये किशन कन्हैया।मटकी मेरी है दई फोड़,बैयां मेरी है दी मरोड़।
आज दोपहरी मैया, घर में यह मेरे आया। आया सो आया मैया, संग मैं ग्वालों को लाया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹में तो सोई थी मैया, मटकी को नीचे गिराया। जितना था माखन उसमें, सबका सब था बिखराया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मैं उठ कर बोली चोर चोर, बैयां मेरी है दी मरोड़।
सुन ले यशोदा मैया,तेरा ये किशन कन्हैया।मटकी मेरी है दई फोड़,बैयां मेरी है दी मरोड़।
झूठी है ये सब गुजरी,बोले यूं किशन कन्हैया। घर में बुलवाकर मैया, नचवावे ता ता थैया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 इनके कहने पर मैया, मैंने ना मुरली बजाई। इसीलिए यह गुजरी,करती है कान भराई। जब बोली मुझको चोर चोर, बैयां दी मैंने है मरोड़।
सुन ले यशोदा मैया,तेरा ये किशन कन्हैया।मटकी मेरी है दई फोड़,बैयां मेरी है दी मरोड़।