थांसू पूछे बाबुल थारी लाड़ली,२।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।
लाड़ल थांसू सगा सूं मिलवा आईयो।२।म्हारा सुरया आया म्हारे साथ, रिझावन थारो सासरो।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।
बाबुल किसिक ल्यायी,थे चुंदड़ी।२। और थे कितनी ल्याया दात, कितनों के देस्याे मायरो।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।
लाड़ल तूं भी करे है महासुं, मसखरी।२।लाडो थांसू छिपी कांई बात, कठे सूं ल्यावां मायरो।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।
बाई रा झर झर आंसु पड़ रहया।२।कोई सुन रे बाबुल री बात,आवे हिवड़ो भरयो।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।
बाई ने हिवड़े लगाय, नरसी कवे।२।मन में धीरज राख,आसी सांवरो।बापूजी कांई कांई ल्याया साथ, किस विध भरस्यों मायरो।