तर्ज, रेशमी सलवार कुर्ता
लंबी हो जा रात, श्याम घर आए हैं। करनी है कुछ बात, श्याम घर आए हैं।
जल्दी से ढल मत जाना, हमको है श्याम रिझाना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मुद्दत से हुआ है आना, करते हैं खूब बहाना। बहुत तरसाए हैं।लंबी हो जा रात, श्याम घर आए हैं।
हमने यह सपने संजोए,नहीं कभी चैन से सोए। रहते हैं खोए खोए, उनकी यादों में रोए।🌹 रूमाल भीजाए हैं।लंबी हो जा रात, श्याम घर आए हैं।
हुई आज तमन्ना पूरी, छलिए से मीटी है दूरी। नहीं दिल में और सबुरी, कर लेंगे बात जरूरी। मन में जच आए हैं।लंबी हो जा रात, श्याम घर आए हैं।
है आज की रात सुहानी,बोलो अब क्या हैरानी। घर आए शीश के दानी, जिन की दुनिया है दीवानी। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹वह दरस दिखाएं हैं।लंबी हो जा रात, श्याम घर आए हैं।