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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

dadi bhajan,Thari dharam dhwaja,थारी धरम ध्वजा फहरावे,तर्ज,आ तो स्वर्गा

थारी धरम ध्वजा फहराए

थारी धरम ध्वजा फहरावे२, सुर नर किन्नर शीश झुकावे।
थारो यश नर नारी गावे, झुंझनू वाली मां २
हो ओ झुंझनू वाली मां

ज्योति तीन लोक में चमके२,थासे चंदा सूरज दमके, टिमटिम तारा नभ में चमके।
झुंझनू वाली मां। ओ ओ झुंझनू ……

थाने देख भगत हरसावे२ थारा दर्शन कर सुख पावे, जयकारे से गगन गुंजावे। झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू….

तीनों लोका रो सुख फिको२,थारे चरना में सुख जिको, कुन है मैया थारे सरीखो,झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू…

थारी शैरन री सवारी२,थे हो अष्ट भुजा अवतारी,
वरनी जाय न महिमा थारी, झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू….

थारो सत रो तेज नीरालो,२ जग रो कण कण करके उजालों, भकता न सुख देन वालो, झुंझनू वाली मां,
ओ ओ झुंझनू…..

थारी धरम ध्वजा फहरावे२, सुर नर किन्नर शीश झुकावे।
थारो यश नर नारी गावे, झुंझनू वाली मां २
हो ओ झुंझनू वाली मां

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