थारी धरम ध्वजा फहरावे२, सुर नर किन्नर शीश झुकावे।
थारो यश नर नारी गावे, झुंझनू वाली मां २
हो ओ झुंझनू वाली मां
ज्योति तीन लोक में चमके२,थासे चंदा सूरज दमके, टिमटिम तारा नभ में चमके।
झुंझनू वाली मां। ओ ओ झुंझनू ……
थाने देख भगत हरसावे२ थारा दर्शन कर सुख पावे, जयकारे से गगन गुंजावे। झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू….
तीनों लोका रो सुख फिको२,थारे चरना में सुख जिको, कुन है मैया थारे सरीखो,झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू…
थारी शैरन री सवारी२,थे हो अष्ट भुजा अवतारी,
वरनी जाय न महिमा थारी, झुंझनू वाली मां
ओ ओ झुंझनू….
थारो सत रो तेज नीरालो,२ जग रो कण कण करके उजालों, भकता न सुख देन वालो, झुंझनू वाली मां,
ओ ओ झुंझनू…..
थारी धरम ध्वजा फहरावे२, सुर नर किन्नर शीश झुकावे।
थारो यश नर नारी गावे, झुंझनू वाली मां २
हो ओ झुंझनू वाली मां