दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,
Tag: Apni vani me amrit ghol
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
मिश्री से मीठे बोल,हमारी राधा रानी के
मुझे और जगत से क्या लेना,राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल
दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
मिश्री से मीठे बोल,हमारी राधा रानी के
मुझे और जगत से क्या लेना,राधा रानी के चरण प्यारे प्यारे
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल