लेलो जी लेलो भाईडा,
लेलो लेलो राम जी रो नाम,
Category: विविध भजन
देखो होली की आई है बहार फागुन महीने में।
सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।
तन का तनिक भरोसा नाहीं, काहे करत गुमाना रे।
जिसमें बोलै सै रमता रे राम, जुगलिया रे चाम की।
म्हारा सद्गुरु है रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।
तूं करले गुरु नै वकील, मुकदमा भारी सै।
ग्यारस बरत उजमाईयो रे बेटा से अरज करे थी।
गुरु जी म्हारा पंछी नजर नहीं आया।
आज मेरी आ सकती है फिर कल को तेरी बारी है ।
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