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विविध भजन

Sat ki sidhi sang sang chadhna raste me bhid nahi se,सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।। भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

मात पिता और गुरु अपने की तीनों की आज्ञा कठिन से।भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।।सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

सास ससुर और पति अपने की तीनों की सेवा कठिन से।भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।।सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

गंगा जमुना और त्रिवेणी तीनों का नहान कठिन से।भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।।सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

राम लखन और सिया जानकी तीनों के दर्शन कठिन से। भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।।सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।

सत् की सीडी संग संग चढना रस्ते में भीड़ नहीं से।।भान कोई करके देखो यो हंसी खेल नहीं से।।

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