कठे सु आयो चुडलो कठे सु आई चुनरी,
Category: रानीसती दादी भजन लीरिक्स
अजी मत बरसो इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे,
दादी म्हारी झूल रही भगता के हाथ में डोर।
चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।
चाल तने थोडो घुमाई लयाऊँ।
म्हारे लाड कंवर को ब्याह रचयो है मंगल गावा जी हरख मनावा जी
आओ आओ मारी कुलदेवी मां भगत थाने याद करे।
दादी तेरा नाम हमें प्राणों से प्यारा। प्राणों से प्यारा हमें दादी तेरा नाम।
ब्याह रच्यो है म्हारी लाडली को
दादी खोल दे खजानो, थारा टाबर आया ऐ
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