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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Jaga si mhara bhag,जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है,dadi bhajan

जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है। म्हारी मावडी आई है ,म्हारी दादी जी आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

महे माई ने बुलवाया, सुंदर सिंगार सजवायामहे माई ने बुलवाया, सुंदर सिंगार सजवाया। सज धज के म्हारी मैया दरबार लगाई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

तर्ज, कठे से ले आई सुंठ

महे बुलवा लिया हलवाई ,बनवाया घनी मिठाई।महे बुलवा लिया हलवाई ,बनवाया घनी मिठाई। महे पावन जोत जगाई मां देख के मुस्काई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

महे साज बाज मंगवाया, गावानिया ने भी बुलाया।महे साज बाज मंगवाया, गावानिया ने भी बुलाया। महे झूमा नाचा गावा, मां देख के हरसाई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

महे भक्ता ने बुलवाया, मैया से सब ने मिलवायामहे भक्ता ने बुलवाया, मैया से सब ने मिलवाया। कवि रवि मिलन यो देख के, मां सुख बरसाई हैजगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है। म्हारी मावडी आई है ,म्हारी दादी जी आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।जगा सी म्हारा भाग कुलदेवी घर आई है।

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