पलकें ही पलकें बिछाएंगे जिस दिन श्याम प्यारे घर आएंगे
Author: Pushpanjali
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
मन में तो आवे भोग लगाऊं
कानुडा थारो नाम हजार, मैं कईयां लिखूं कुकू पत्री।
श्याम बाबा तूं आजा फटाफट
दो पहिए की गाड़ी तेरी हंसलो गाड़ीवान डगर पर चलती है
म्हारा श्याम रंगीला पलकां उघाड़ों फागन आ गयो।
गोपी मनोहर सुंदर हरी ओम
सुन बरसाने वारी,गुलाम तेरो बनवारी
ओ जी दादीजी थारी यादडली सतावे
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