तर्ज,म्हारी चंद्र गवरजा
म्हारा श्याम रंगीला पलकां उघाड़ों फागन आ गयो।
फागन महीनों रंग रंगीलो चंग सुरीला बाजे। रेशमी दुपट्टा बांधया, भगता छम छम नाचे रे।म्हारा श्याम…
रंग बिरंगी सुंदर सुंदर श्याम ध्वजा बनवाई। लाज रखियो खाटू वाला, याही अरज लगाई रे। म्हारा श्याम…
बाल मंडल यो हेलो मारे, भक्तों कान लगाज्यो।भीड़ मोकली होसी अब के, बेगा नाम लिखा लो रे।म्हारा श्याम…
मेले पाछे होली खेला केसर रंग उड़ावां। बनवारी भगता के सागे श्याम कुंड में नहावां रे। म्हारा श्याम…