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विविध भजन

Kin vidh jhalyo re bairag beragan rani,किन विद झाल्यो रे बैराग बेरागण रानी

किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी

किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



खीर खांड का अम्रत भोजन,
ओढ़न लिख्मा रो चीर,
राणा जिस्या थाने वर मिल्या,मिल्यो ह् महला वालो सीर ।किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



खीर खांड का भोजन त्यागा,त्यागा लिखमो वालो चीर ,राणा जिस्यो थे वर त्यागा,त्यागो महलों वालो सीर ,भोजाई ऐ म्हारी रे,छोड्यो महलों वालो सीर,किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग,किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



बासी मिलसी टुकड़ा,
खाटी मिलासी छाछ,
राणे जिस्यो पोढ़ङो
किन बिद मिल सी भगवान,किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



इन बिद मिलसी भगवन,
किन
किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग,किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



आछा लागा टुकड़ा ,ननदल
मीठी लागे छाछ ,
राणो वालो पोढ़ङो
,इन विध मिलसी भगवान,किन विद झाल्यो रे बैराग,बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



त्यागो पिवर, सासरो,
त्यागो सो परिवार,
त्यागो दूजो जी रो मेड़तौ,
त्यागो चितोड़गढ़ को राज।किन विद झाल्यो रे बैराग,बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



बाई मीरा की विनती,
सुंल्यो सिरजन हार,
थे ब्रजो में माना नाही,
भज स्या मोती वाला श्याम।किन विद झाल्यो रे बैराग,बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।



किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।किन विद झाल्यो रे बैराग,
बेरागण रानी ,इ हे ,भोजाई ये म्हारी ,किन बिद झाल्यो रे बैराग।

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