जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना। हार गया जग इस संकट से लीले चढ़कर आओ ना।जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना।
इस संकट की आंधी बाबा बढ़ती बढ़ती जावे है। हर प्रेमी अब तेरे आगे एक ही अर्जी लगावे हैं। इस संकट को हरने खातिर वाण तो एक चलाओ ना
जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना। हार गया जग इस संकट से लीले चढ़कर आओ ना।जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना।
तेरे इस जग की बगिया के पुष्प गिरते जा रहे हैं। घर के रूप काल मालि का,पुष्प चुनते जा रहे हैं। बनकर माझी आजा सांवरे नैया पार लगाओ ना।
जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना।
अनसुना क्यों करते बाबा प्रेमी तुझे पुकारे हैं। कह दो सारे ही प्रेमी दो बाबा तेरे दुलारे हैं। अखियां बरसे छम छम बाबा कोई तो राह दिखाओ ना।
जग पर संकट आया बाबा मोर छड़ी लहराओ ना।