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श्याम भजन लिरिक्स

Me sochta kuch aur hi aur mangata kuch aur hu,मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं,shyam bhajan

मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं।

तर्ज, तूं प्यार है किसी और का

मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं अपनी नजरों में चोर हूं, तेरे सामने कुछ और हूं।मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं।

अच्छा होता है जब साथ होता है। आंखे हंसती है दिल ना रोता है सोचता हूं मैं यह कैसे होता है। मेरा सावरा मेरा मीत है, इनसे ही मेरी जीत है।

मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं। अपनी नजरों में चोर हूं, तेरे सामने कुछ और हूं।मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं।

लोग कहते हैं, चुप ना रहते हैं, खुद ना करते हैं, औरों पर चलते है। सोचता हूं मैं यह क्या करते हैं। पर श्याम जिन पर गौर है, वह श्याम प्रेमी और है

मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं। अपनी नजरों में चोर हूं, तेरे सामने कुछ और हूं।मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं।

दुःख में हम सब ने इस को बुलाया है। सुख में क्यों हमने इसको भूलाया है। इसकी रहमत से सब कुछ ही पाया है। जब साथ तो सरकार है होती ना मेरी हार है।

मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं। अपनी नजरों में चोर हूं, तेरे सामने कुछ और हूं।मैं सोचता कुछ और हूं, पर मांगता कुछ और हूं।

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