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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam sapno me aaye mujhe dhir bandhaye,श्याम सपनो में आए,मुझे धीर बंधाए,shyam bhajan

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,

तर्ज – मुझे नींद ना आए

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है

तेरा मेरा नाता इतना गहरा है,
हरदम तेरे ऊपर मेरा पहरा है,
भाव भजन तू रोज कर,
मेरे भरोसे मौज कर,
हर पल मुस्काए,
दुःख मेरे मिटाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

दुनियां तेरा न्याय नहीं कर पाएगी,
सुख में दुःख में तुझको सिर्फ भुनाएगी,
इनसे कभी ना कुछ बोलना,
भेद ना अपने खोलना,
मुझे जीना सिखाए,
दुःख मेरे मिटाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

आँखों में तेरे बोल नमी ये कैसी है,
मेरे होते बोल कमी ये कैसी है,
सब सुख तुझपे वार दूँ,
तुझको इतना प्यार दूँ,
सर हाथ फिराए,
कभी गले से लगाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,
मुझे हरपल ये समझाए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

हारे का साथी मैं सदा कहाया हूँ,
इसीलिए तेरे सपनों में मैं आया हूँ,
तुझको जिताकर जाऊंगा,
रोमी को समझाऊंगा,
जाके सबको बताए,
जो भी मेरा हो जाए,
उसे आंच कोई ना आए,
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

श्याम सपनो में आए,
मुझे धीर बंधाए,
मुझे हरपल ये समझाए
तू क्यों घबराता है,
क्यों जी को जलाता है।

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