अवध सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।
तुम जानत सब अवगुण मेरो, तुमसे नाथ छिपो नैयां।अवध सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।
भवसागर में बही जात है, अब तो नाथ धरो बैंया। जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।
न हम कीन्ही साधु सेवा, विप्र न दान दियो नैंया।जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।
सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। जगत सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।
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Avadh saiya meri chodo na baiya,अवध सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया,ram bhajan
अवध सैंया मेरी छोड़ो न बैंया। सिया के सैंया मेरी छोड़ो न बैंया।