तर्ज,तुझको पुकारे मेरा प्यार
दर्शन दिखादे मेरे श्याम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
लाखो की नैया बन के खिवैया तूने पार लगाये।
मेरी भी नाव डोले खाए हिचकोले मेरे श्याम कन्हाई।
झूठे सहारे हैं तमाम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
दर्शन दिखा दे मेरे श्याम बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
कब से पुकारूँ, बाट निहारूं मेरी बिगड़ी बना दे।
भटका हूँ दर दर, आया तेरे दर पे मैं, राह दिखा दे।
गिरते हुए को तुही थाम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
दर्शन दिखा दे मेरे श्याम,बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
भक्तो की विनती करिओ न गिनती मेरी गलती की स्वामी।
क्या मैं बताऊँ, क्या मैं छिपायुं तुमसे अन्तर्यामी।
अपना बनाले घनश्याम, बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।
दर्शन दिखा दे मेरे श्याम,बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे।