लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शब्द मारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।
परणी नार पिया गम जाणे,
काई जाणे कवारी बाता,
बिना विवेक वा तो फिरे भटकती,
इण कारण खावे लाता ।
लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।
पतिव्रता नार भई बुधवंती,
वा ही जाणे पिवजी री बाता,
सतगुरु मिलिया भरम सब भागा,
भूल गई सब कुबदां री बाता ।
लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।
धरा असमान भले ही डिग जावे,
सुख जावे रे समदर सारा,
मैं म्हारा पिवजी ने कदे नी भूलूं,
पाव पलक ने दिन राता ।
लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।
प्रेम पोल में सतगुरु पोढ़िया,
मिलने री लग रही खाता,
गुरु प्रताप रविदास जी बोले,
तार में तार मिलाई दाता ।
लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।
लागा रे बाण मारे शब्द गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शब्द मारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां ।