रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।उठा लो जिसका दिल चाहे,उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
एक ही पल में सीता ने धनुष को उठा डाला। करी है प्रतिज्ञा राजा ने,उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
धनुष को जो भी तोड़ेगा सिया संग नाता जोड़ेगा। रचा है स्वयंवर राजा ने,उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
निमंत्रण राजा महाराजा सभी मुनियों को भेजा है। मुनि संग कुंवर आए हैं, उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
सभी बल अपना दिखलाएं, धनुष को हिला नहीं पाए। धनुष रघुवर ने तोड़ा है, उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
तोड़कर धनुष रघुवर ने सिया संग नाता जोड़ा है। मान सभी का बढ़ाया है, उठा लो जिसका दिल चाहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।