जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
सबसे पहले उठ कर बाबा
नमन खाटु को करते है
याद खाटु कि आते ही
श्याम मेरे नैना झरते है।
इन अंखियों के आंसू कभी सुख न जाये
श्याम खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
न जाने नाम तेरा सुनकर
क्यूँ गरदन झुकने लगती है
करे अहसानो की गिनती
तो अँगुली दुखने लगती है।
आना जाना खाटु मेरा
छूट न जाये श्याम खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम
जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
अगर खाटू में श्याम धनि
तेरा दरबार नहीं होता
गुजारा करने के लायक
मेरा परिबार नहीं होता।
इज्जत दिल से खाटू की
मिट न जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
दिया बनवारी हमे इतना
भूख दौलत की मिटा दी है
की चाहत स्वर्ग और बैकुंठ की
मेरे दिल से हटा दी है।
भूख तुम्हारे दर्शन की
हट न जाये श्याम
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
खाटू से मेरा दाना पानी
उठ ना जाये श्याम।
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Jab Tak meri dhadkan ye ruk na jaye shyam,जब तक मेरी धड़कनये रुक न जाये श्याम,shyam bhajan
जब तक मेरी धड़कन
ये रुक न जाये श्याम