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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Kaya teri mati ki haweli,काया तेरी माटी की हवेली,nirgun bhajan

काया तेरी माटी की हवेली।

काया तेरी माटी की हवेली।


जब काया ने जन्म लिया है,बुरी भली सब झेली
काया तेरी माटी की हवेली।

जब काया को बचपन आयो, खेल खिलौनों से खेली
काया तेरी माटी की हवेली।

जब काया पे आई जवानी, बन गई दुल्हन नवेली।
काया तेरी माटी की हवेली

जब काया को आयो बुढ़ापा, कोई न पूछे बात।
काया तेरी माटी की हवेली

जब काया को अंत भयो है, सारो कुटुंब जुड आयो।
काया तेरी माटी की हवेली।

ले चल के चल है रही
काया तेरी माटी की हवेली

चुन चुन लकड़ी चिता बनाई, होरी सी जल आ
काया तेरी माटी की हवेली।

फूंक फांक के घर को आए, बहुएं ढूंढें थैली।
काया तेरी माटी की हवेली।

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