मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
वा राधा बेचे जब माखन,में चाहूं माखन को चाखन।माखन को में मोल चुकाऊं,माखन खाऊं बिछा के आसन।🌺🌺🌺🌺🌺🌺माखन को में मोल चुकाऊं,करूं ना चोरा चोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
अंगुली में माखन लिपटाय, राधा रानी मोहे खिलाए।प्यास लगे पानी मांगू तो,राधा मीठी छाछ पिलाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना में चाहूं ग्वाल बाल संग,घर घर करूं चोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी
मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
माखन में मिसरी भी घोले,ना कभी बोले ना कभी तोले। तान सूने मुरली की राधा,माखन मिसरी का मोल ना बोले।🌺छल ना करूं में कपट करे ना है राधा अति भोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी
मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
यमुना जल भरने को आवे,माखन राधा साथ में लावे।बोले कान्हा गागर भर दे,नाग कालिया मोहे डरावे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺यमुना पे डरे किशोरी रे यमुना पे डरे किशोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी
मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।
राधा का डर आज मिटा दूं,नाग कालिया मार भगा दूं।यमुना जल को पावन कर दूं,काले नाग का गर्व मिटा दूं।🌺🌺🌺🌺कहे भक्त अब लाज रखो ना,कृष्ण करो अब देरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी
मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।में कालो नंदलालो हूं वा,राधा गोरी गोरी।मैया री सोनी लागे री वृषभान जी री छोरी।