तर्ज,म्हारो बेडो लगा दिजयों पार
बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।🌹🌹🌹🌹म्हाने सौदागर मत जान, बातां थारी रह जासी।
कंठी माला काठ की रे, जामें रेशम सूत। सूत बिचारा क्या करे, ज्यांरे काटन वालो कपूत।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बातां थारी रह जासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।
रामा थारे बाग में, लांबों पेड़ खजूर।चढ़े जो मेवा चाखले,पड़े तो चकनाचूर।🌹🌹🌹बातां थारी रह जासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।
बालपने भज्यों नही,कीयो ना हरी से हेत।अब पछताए क्या होत,जब चिड़ियां चुग गई खेत।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बातां थारी रह जासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।
बालद थारी लद गई,हो गई लादम लाद।रामानंद रा भज कबीरा,बैठी मोजां मार।बातां थारी रह जासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।
बिनजारी ये हंस हंस बोल,प्यारी प्यारी बोल। बातां थारी रह जासी।