तर्ज,उमराव थारी बोली प्यारी लागे
गोपाल म्हाने गीता ज्ञान सुनाओ,म्हारा श्याम। नंदलाल म्हारी, नैया पार लगाओ म्हारा श्याम।
नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम।
दिनहिं प्रभु के हाथ में, बागडोर पकड़ाय।रथ हांकण लाग्या हरि, अर्जुन यूं बतलाय। घनश्याम रथ ने सेना बीच,ठहराओ म्हारा श्याम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम
रणभूमि के बीच में, उपजयों कुटुंब स्नेह।शस्त्र हाथ से छूट गया, थरथर कांपे देह।सांवरिया महासू क्यों थे युद्ध कराओ म्हारा श्याम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम।
बाणों री बौछार सूं, खप ज्यासी सब वीर।कुटुंब आपनो है सभी,किस विध छोड़ूं तीर।मनमोहन म्हारी ममता मोह,छुटाओ म्हारा श्याम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम
रथ के पीछे बैठ गया, तजया धनुष और बाण। शरणागत अर्जुन हुया, करो प्रभु कल्याण।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मधुसूदन म्हारे दिल की जलन मिटाओ, म्हारा श्याम।नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम।
मैं शरणागत शिष्य हूं, थे गुरुदेव हमार। करणों कुछ जानू नहीं, धर्म अधर्म विचार। बृजराज म्हाने, हित की बात बताओ महारा श्याम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम।
जगतगुरु श्री कृष्ण जी, सबका जीवन प्राण। मंगसीर सुदी एकादशी, प्रगटया गीता ज्ञान। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹परमेश्वर म्हाने ऐसो अमृत, पिलाओ म्हारा श्याम।नंदलाल जी हो घनश्याम, नंदलाल जी हो राधेश्याम।