तर्ज, होलिया में उड़े री गुलाल
आज तनधन की निकली बारात, सब मिल मंगल गाओ।२। कैसी आई अजब यह रात, सब मिल मंगल गाओ।
तनधन दूल्हा बनकर आए।२। सर पर पेंचा कीलंगी सजाए। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सोहे गले में हीरे जवाहरात। सब मिल मंगल गाओ। आज तनधन की…
घोड़ी भी लग रही कामनगारी।२। तनधन की जो है उस पर सवारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 खूब धन लूटावे पितु मात। सब मिल मंगल गाओ। आज तनधन की….
लगती है सब और दिवाली।२। नारायणी तनधन पर हुई मतवाली।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आज रहमत की होगी बरसात। सब मिल मंगल गाओ। आज बंधन की….
आज तनधन की निकली बारात, सब मिल मंगल गाओ।२। कैसी आई अजब यह रात, सब मिल मंगल गाओ।