आप रे म्हारे मेहलां नीचे सा, ओ झरोखां नीचे सा, लगाई दो हरिया बाग़
Category: rajasthani geet
मरवन पुकारे थाने मरुधर देश
नथली रो सिंगार ढोला, नथलि मनवार।
सखियां घाले घूमर आज मै थारे साग नाचूला।
म्हारा राजस्थान, म्हारा दिल तुझ पर कुर्बान।
म्हारे घर आ रे बाबू लागे नाही जी
बाबोसा थारी चिड़कली उड़ जावेली एक दिन कदी।
हल्दी लगाओ आज सखी री शुभ दिन आयो है।
मारो सांवलियो बीरो जी भात मारो भरने आयो है।
सासु केह्वे बिननी रे,तूं एकली बैठी रोए
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