टाबरिया सयाणा हो गया रे,बादिला ईब तो मान।
Category: rajasthani geet
पीली लुगड़ी का झाला सु रुकाई दे मेटाडोर।
थासू लाख झगड़ लूं पर, थारे बिन नहीं सरे।
प्यारा लागो भाभी ने देवर लाड़ला जी राज।
बाय चाल्या छ भंवर जी पींपळी जी
गोरडी कर सौलाह सीणगार
चाली पाणी ने पणिहार
समदरिया लहरा लेवे सा ओ बालमा
आप रे म्हारे मेहलां नीचे सा, ओ झरोखां नीचे सा, लगाई दो हरिया बाग़
मरवन पुकारे थाने मरुधर देश
नथली रो सिंगार ढोला, नथलि मनवार।
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