पलकारी छांव राखो सा, बैरी नजरा बचाया राखो सा
Category: rajasthani geet
ना चाह जगी कभी गहना कि, मैं खुश माथे की बिंदी सु।
पड़िया पानी में पाषाण भीजे पर झिंजे कोनी।
अरे कान्या रे मान्या कुर्र,
चालां जोधपुर,
बन्ना थोरे काना रा गज मोती
म्हाने बकसाईदो राज बना सा
पियाजी, उभी मैं सरवर तीर
महारो रे बलम म्हासे रूठयो रूठयो जाए।
म्हारा छैल भंवर रो कांगसियो पंनिहारया ले गई रे।
म्हारां छैल भवँर रो कांगसियों,
पणिहारिया ले गई हो,
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
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